कैश कांड: जज यशवंत वर्मा के विरोध में तीसरे दिन भी हड़ताल जारी, ट्रांसफर रद्द करने पर अड़े वकील

Mar 27, 2025 - 15:26
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कैश कांड: जज यशवंत वर्मा के विरोध में तीसरे दिन भी हड़ताल जारी, ट्रांसफर रद्द करने पर अड़े वकील

Allahabad High Court Bar Association Strike: कैश कांड के आरोपों में घिरे दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले के विरोध में बार एसोसिएशन की हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी रहेगी. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की बैठक में गुरुवार को भी हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया गया. बार एसोसिएशन जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला रद्द किए जाने की मांग पर अड़ा हुआ है. 

जस्टिस वर्मा के इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफ़र को लेकर वकील भड़के हुए हैं. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का सामना कर रहे किसी जज को उसके पैतृक हाईकोर्ट में भेजने का फैसला उन्हें पुरस्कृत करना जैसा है ना कि दंड देने जैसा. वकीलों ने कहा है कि हाईकोर्ट के जज "अंकल जजेज सिंड्रोम" से ग्रसित रहते हैं. वकीलों ने "किथ एंड किन" के  अदालत में प्रैक्टिस करने पर रोक लगाने की मांग की है. हड़ताल को लेक बार एसोसिएशन की आज बैठक भी होनी है, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगा. 

वकीलों ने जताई फैसले पर आपत्ति
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने नोट कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया है. वकीलों ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है. इस दौरान वकीलों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में लिस्टिंग की नई व्यवस्था तत्काल प्रभाव से बदले जाने की मांग की है. उन्होंने फ्रेश या सूचीबद्ध मुकदमों की सूची में पहले दाखिल हुए मुकदमों को पहले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने और हाईकोर्ट में जजों के खाली पदों को भी जल्द भरे जाने की भी मांग की ताकि इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमों के पेंडेंसी को कम किया जा सके.

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बार एसोसिएशन ने महाधिवक्ता, अपर महाधिवक्ता, मुख्य स्थाई अधिवक्ता और शासकीय अधिवक्ताओं से अपील की है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की अस्मिता कि लड़ाई में सहयोग करें. वह शासकीय अधिवक्ताओं को अदालत में जाने के लिए मजबूर न करें. वकीलों ने हाईकोर्ट के जजों से भी आंदोलन में सहयोग प्रदान करने की अपील की है और अनुरोध किया कि अधिवक्ताओं की गैर मौजूदगी में अदालतें एडवर्स ऑर्डर ना करें. मुकदमों में लंबी तारीख ना लगायें इससे अधिवक्ताओं का मनोबल कमजोर होगा.

इन वकीलों से मांगा गया स्पष्टीकरण
बार एसोसिएशन ने कहा है कि जिन अधिवक्ताओं ने इस दौरान न्यायिक कार्य किया है. उनकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से निलंबित की जा सकती है. ऐसे अधिवक्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है. उनसे दो कार्य दिवस में अपना स्पष्टीकरण मांगा गया है. स्पष्टीकरण ना देने पर ऐसे वकीलों की सदस्यता समाप्त करते हुए हाईकोर्ट से उनके एडवोकेट रोल निरस्त करने के लिए आग्रह किया जाएगा.

बार एसोसिएशन ने सभी सीनियर एडवोकेट और कार्यकारिणी के पूर्व अध्यक्ष व महासचिव से आज दोपहर 2:00 बजे ओल्ड स्ट्रीट रूम में आने का अनुरोध किया है. ताकि इस आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जा सके. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की बैठक कार्यकारी अध्यक्ष राजेश खरे और महासचिव विक्रांत पांडेय की मौजूदगी में हुई. जिसमें कार्यकारिणी के सभी सदस्य और पदाधिकारी मौजूद रहे.

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