रेलवे में आजादी के बाद से अब तक का ऐतिहासिक काम, अश्विणी वैष्णव ने संसद में बताया

भारतीय रेलवे के ब्रॉड गेज नेटवर्क का लगभग 98% इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है और बाकी के शेष खंडों पर काम शुरू हो चुका है. ये जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में दी है. रेल मंत्री ने बताया कि 2014 से पहले आजादी के बाद के 60 सालों में सिर्फ 21801 किलोमीटर का ही विद्युतीकरण हो पाया था. जबकि 2014 से लेकर फरवरी 2025 तक 45922 किमी मार्ग का इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है.
रेल मंत्री ने बताया कि राजस्थान, तमिलनाडु, गुजरात कर्नाटक, गोवा, असम के अलावे बाकी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 100% इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा हो चुका है.
रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण से फॉसिल फ्यूल ईंधन पर हमारी निर्भरता कम होती है. डीज़ल की खपत कम होती है, जिससे कार्बन उत्सर्जन भी कम होता है. और विद्युतीकरण से बेहतर ढुलाई क्षमता और ट्रेन की गति बढ़ती है, जिससे यात्रा का समय कम होता है और इफिशिएंसी भी बढ़ती है.
एक महत्वपूर्ण आंकड़ा बताते हुए रेल मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे ने साल 2018-19 की तुलना में साल 2023-24 के दौरान ट्रैक्शन उद्देश्य के लिए ईंधन की खपत में 136 करोड़ लीटर की कमी देखी है.
वाणिज्यिक विभाग के संवेदनशील पदों की पहचान
रेलवे बोर्ड ने सभी 17 रेलवे जोन में यातायात परिवहन और वाणिज्यिक विभाग के कुछ राजपत्रित और अराजपत्रित पदों की पहचान की है और उनके कार्यकाल को तीन साल तक सीमित कर दिया है. बोर्ड ने हाल ही में रेलवे जोन के सभी महाप्रबंधकों को संबोधित एक परिपत्र में कहा, ‘‘पीसीओएम (प्रमुख वाणिज्यिक परिचालन प्रबंधक) के सचिव और पीसीसीएम (प्रमुख मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक) के काम की प्रकृति संवेदनशील है और इन पदों पर तैनात अधिकारियों की निष्ठा बेदाग होनी चाहिए.’’
इसमें कहा गया है, ‘‘ऐसे अधिकारियों का कुल कार्यकाल तीन साल तक सीमित होना चाहिए.’’ बोर्ड ने पीसीओएम के यातायात निरीक्षक और पीसीसीएम के वाणिज्यिक निरीक्षक के रूप में (औपचारिक या अनौपचारिक रूप से) काम करने वाले अराजपत्रित कर्मचारियों के लिए नियमित आवर्तन (रोटेशन) का निर्देश दिया, क्योंकि ऐसे अधिकारी महत्वपूर्ण मामलों में सहायता करते हैं.
परिपत्र में कहा गया है, ‘‘वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक के यातायात निरीक्षक और डीआरडीसीएम (वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक) के वाणिज्यिक निरीक्षक के रूप में (औपचारिक या अनौपचारिक रूप से) काम करने वाले गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को भी रोटेट किया जाना चाहिए तथा कार्यकाल तीन साल तक सीमित होना चाहिए.’’
इसमें कहा गया है कि वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक के निजी सचिव और वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक के निजी सचिव के रूप में तैनात कर्मचारियों को भी रोटेट किया जाना चाहिए. बोर्ड ने क्षेत्रीय रेलवे से 30 अप्रैल, 2025 तक आवश्यक बदलाव करने का आग्रह किया है.
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