Money Laundering: ED का बड़ा एक्शन! 557 करोड़ की संपत्ति कर दी जब्त, जानें किस ग्रुप से जुड़ा मामला

Bank Fraud Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सख्त कदम उठाते हुए अमटेक ग्रुप और उससे जुड़ी कंपनियों की 557.49 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियां अटैच कर ली हैं. ये कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत की गई है. ED ने ये कार्रवाई अमटेक ऑटो लिमिटेड, ARG लिमिटेड, ACIL लिमिटेड, मेटालिस्ट फोर्जिंग लिमिटेड और कैस्टेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के खिलाफ की है. इसके अलावा अमटेक ग्रुप के प्रमोटर अरविंद धाम और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ भी जांच चल रही है.
ये पहली बार नहीं है जब ED ने इतनी बड़ी राशि को अटैच किया है. इससे पहले 5 सितंबर 2024 को भी 5115.31 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी. इस मामले में PMLA की एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने भी ED की कार्रवाई को सही ठहराया था. लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से स्पष्ट है कि ED वित्तीय अनियमितताओं में शामिल कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ कड़े कदम उठा रही है.
कैसे हुआ घोटाला?
अमटेक ग्रुप ऑटोमोबाइल सेक्टर की एक प्रमुख कंपनी रही है, लेकिन समय के साथ कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़ता गया. आरोप है कि कंपनी ने बैंकों से लिया गया कर्ज सही तरीके से इस्तेमाल करने के बजाय धन को इधर-उधर किया और वित्तीय अनियमितताएं कीं. ED की जांच में ये भी सामने आया कि अमटेक ग्रुप ने कई फर्जी कंपनियों के जरिए पैसों की हेराफेरी की और कर्ज की रकम को इलीगल तरीके से इस्तेमाल किया. इस वजह से कई बैंकों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा.
अमटेक ग्रुप घोटाले से सरकारी बैंकों को बड़ा नुकसान
अमटेक ग्रुप का ये मामला उन बड़े कॉरपोरेट घोटालों में से एक है जिसमें सरकारी बैंकों को भारी नुकसान हुआ है. देश में बीते कुछ सालों में कई उद्योगपति और कारोबारी बड़े कर्ज लेकर फरार हो गए या पैसों का दुरुपयोग कर बैंकों को धोखा दिया. सरकार और जांच एजेंसियां अब ऐसे मामलों में सख्ती बरत रही हैं ताकि बैंकों और जनता के नुकसान की भरपाई की जा सके.
आगे की जांच जारी
ED की इस कार्रवाई के बाद अब आगे की जांच तेज कर दी गई है. एजेंसी ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस घोटाले में और कौन-कौन लोग शामिल थे और धनशोधन की पूरी प्रक्रिया कैसे की गई. आने वाले दिनों में ED इस मामले में और सख्त कदम उठा सकती है और अन्य संपत्तियों को भी जब्त कर सकती है. ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और बैंक घोटालों को रोकने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है.
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